# | ara | hin |
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1 | في مصر : ما ديانتك ؟ | अरबी : आपका धर्म क्या है? |
2 | في بعض البلاد العربيه , اصبحت البيروقراطيه الحكوميه طريقة حياة . | कुछ अरब देशों में दफ़्तरशाही जीवन का अभिन्न अंग है. |
3 | | मिस्र के चिट्ठाकार नोरा यूनिस ने हमें दिखाया है कि जब दफ़्तरशाही के कामकाज धार्मिकता के साथ जुड़ते हैं तब क्या हो जाता है. |
4 | تكتب نورا يونس عن البيروقراطيه عندما تمتزج بالتصنيف الديني . | इस पोस्ट में मैंने अरबी से अनुवाद किया है. |
5 | منها نقتبس : | नोरा ने लिखा है: |
6 | صباح أمس الأول توجهت لمصلحة الشهر العقاري بقصر النيل لتسجيل توكيل عام قضايا للمحامي الخاص بي.. | अपने वकील की नियुक्ति के लिए नोटरी फ़ॉर्म में दस्तख़त के लिए कल सुबह मेरा भवन पंजीकरण ऑफ़िस जाना हुआ. |
7 | هناك فوجئت أنه علي أن أثبت ديانتي وديانة المحامي في التوكيل.. | वहाँ मेरे आश्चर्य का ठिकाना न रहा जब मुझे यह मालूम हुआ कि वहाँ मुझे अपने तथा अपने वकील के धर्म का प्रमाणीकरण करना होगा. |
8 | وبما أني لم أنوي الزواج من المحامي بعد، فلم يكن ليخطر ببالي أبدا أن أسئله عن ديانته.. | मुझे अपने वकील से अभी कोई शादी-वादी नहीं बनानी थी, अतएव इससे पहले उसके बारे में मुझे खयाल ही नहीं आया था कि उसका धर्म क्या है. |
9 | كل ما أردته هو محامي كفء لمهمة قضائية محددة، ولا أظنه يضيرني أو يضير الدولة المصرية في شيء ان كان يهوديا، أو شينتو، أو حتى من عبدة الجزرة المقدسة! | मुझे तो बस उचित फीस में एक सक्षम वकील की आवश्यकता थी और मुझे ऐसा लगता है कि मुझे या मिश्र राज्य को इससे कोई फ़र्क़ पड़ता हो कि वो यहूदी है, या शिन्तो है या फिर किसी खास पवित्र किए हुए गाजर का अनुयायी! |
10 | وبما أنه لا يوجد قانونا ما يخص أو يمنع وكالة غير المسلم عن المسلم، أو غير القبطي عن القبطي، فلم أستطع تفسير الموقف سوى بأن الدولة المصرية ترغم المواطنين على التمييز في أمور غير ضرورية حتى لو أرادوا العزوف عن ذلك. | चूंकि ऐसा कोई कानून नहीं है कि कोई गैर मुसलिम किसी मुसलिम को या कोई गैर कोप्टिक किसी कोप्टिक को नियुक्त नहीं कर सकता, परिस्थिति की व्याख्या मुझसे नहीं हो सकी सिवाय इसके कि मिस्र राज्य अपने नागरिकों को एक दूसरे के प्रति भेदभाव रखने के लिए बाध्य करती है, भले ही नागरिक ऐसा न करना चाहें. |
11 | لم أكن أتخيل أن يأتي اليوم الذي أسأل فيه شخصا غريبا عني: دين حضرتك ايه؟ | मेरे दिमाग में कभी यह खयाल आया ही नहीं कि कोई दिन ऐसा भी आएगा कि लोग अजनबियों से उनका धर्म पूछने लगेंगे. |